जी हाँ किसी ने कुछ नहीं कहा
हर किसी ने अपना दुख सहा
और उसका इंतजार बना रहा
ढाल नहीं छाता-सा तना रहा
सभा में बोलता खामोश रहा
और खामोश ही बोलता रहा
जितना ऐंठा, अहं ढहता रहा
हरियरी में जंगल जलता रहा
हाँ अबोला को ही सुनता रहा
जो नहीं बोला उसे धुनता रहा
हर किसी ने अपना दुख सहा
और उसका इंतजार बना रहा
ढाल नहीं छाता-सा तना रहा
सभा में बोलता खामोश रहा
और खामोश ही बोलता रहा
जितना ऐंठा, अहं ढहता रहा
हरियरी में जंगल जलता रहा
हाँ अबोला को ही सुनता रहा
जो नहीं बोला उसे धुनता रहा
कहिये कि अब जो रहा सो रहा
किस के सामने जो अब रो रहा
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